आत्म्विश्वास, संघर्ष और सफलता -Confidence, Conflict and Success
एक बार सफलता का सामना हो जाने पर किसी को असफल मान लेना उसके साथ अन्याय करने के सामान है। संसार में लिंकन जैसे हजारों ब्यक्ति हुयें है, जिन्होंने सैकड़ों बार असफल होकर भी अंत में अभीष्ट सफलता का वरन कर लिया।
सच्चा पुरषार्थी वही है जो बार बार असफलता को देखकर भी अपने प्रयत्न में शिथिलता न आने दे। और हर असफलता के बाद नए उत्साह से सफलता के लिए संघर्ष करता रहे। जो पत्थर एक आघात
से नहीं टूटता उसे बार बार के आघात से तोडा जा सकता है।
Once faced with success, it is akin to doing injustice to someone. There are thousands of people like Lincoln in the world who, despite failing hundreds of times, finally achieved the desired success.
The true man is the one who does not let his efforts languish even after seeing failure. And after every failure, struggled for success with renewed vigor. A stone that does not break with one stroke can be broken by repeated blows.
से नहीं टूटता उसे बार बार के आघात से तोडा जा सकता है।
Confidence, Conflict and Success
Once faced with success, it is akin to doing injustice to someone. There are thousands of people like Lincoln in the world who, despite failing hundreds of times, finally achieved the desired success.
The true man is the one who does not let his efforts languish even after seeing failure. And after every failure, struggled for success with renewed vigor. A stone that does not break with one stroke can be broken by repeated blows.
जो ब्यक्ति हर समय अपने आदर्श को सामने रखता है। जो बाधाओं और कठिनाइयों की चिंता नहीं करता।
जो विफलता का मुख देखने की परवाह नहीं करता। जिसे अपनी विजय और सफलता पर पूर्ण विश्वास होता है। वह अंततः विजय होता है। और सफलता प्राप्त करता है।
जो कुछ बनने की अभिलाषा है, जो काम हम करना चाहतें है, उसी उद्देश्य को सोचते, जागते, उठते- बैठते, खाते पीते, हँसते -रोते, हरदम सामने रखना, उसी पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
The person who puts forward his ideal at all times. Which does not worry about obstacles and difficulties.
Who does not care to see the face of failure. One who has complete faith in his victory and success. He eventually triumphs. And achieves success.
Whatever is the desire to become, the work that we want to do, we should focus on the same purpose, thinking, awake, waking - sitting, eating, laughing - crying, always in front.
आस्था ही है, जो जीवन के यथार्थ स्रोतों के बंद द्वार खोल देती है, और हम अपने विश्वास और निष्ठां के द्वारा उस असीम शक्ति , उस परमपिता तक पहुँच सकता है।
जब हमें अपने ऊपर तथा विधाता पर विस्वास हो जाय तो हम कठिनाइयों के पहाड़ों को उखाड़ फेंक सकते हैँ। तो हमारी जीवन विजयी सेना प्रस्थान की भांति चल पड़ता है।
सत्य से ही सूर्य तपता है। सत्य से ही चन्द्रमा में प्रकाश फैलता है। सत्य से ही पवन प्रभावित होती है। सत्य से ही जल, अग्नि, तेज ,वायु और विश्व की उत्पति होती है। एक हजार अश्वमेघ यज्ञ से भी सत्य का पुण्य अधिक होता है। इसलिए सदा सत्य का ही आश्रय लेना चाहिए।
आत्मनिभर्रता और आत्मविश्वास सदा से मित्रता वश सिफारिश और धन से अधिक प्रभावशाली रहे है। संसार में आत्मविश्वास ही सफलता का मूल मंत्र हैं। इससे अधिकांश बाधाएँ स्वतः दूर हो जाती है।
अधिकतर कठिनाइयों पर विजय प्राप्त होती है।
आत्मविश्वास के द्वारा जितने महान कार्य संपन्न हुए हैं, उतने अन्य किसी भी मानवीय गुण के कारण नहीं होते।
बुढ़ापा सौंदर्य को नाश कर देता है। निराशा धैर्य को समाप्त कर देती है। मृत्यु प्राणो को नष्ट कर देती है। ईर्ष्या धैर्य को जलाती है। दुष्टों की संगति, अच्छे गुणों एवम स्वभाव को खा जाती है